एक साथ इतने सारे लोग का वशीकरण?


हिप्नोटिज्म आज दुनिया में सारे के सारे लोग हिप्नोटाइज है उनकी जो सोचने लगती है जो उनकी है  पर हकीकत में उनकी नहीं है आज आपके मन में जो भी ख्याल हैं आप जो भी सोचते हैं जिस चीज के बारे में भी सोचते हैं दरअसल वो आपकी सोच नहीं है वह कुछ चुनिंदा लोगों की सोच है जो आपके दिमाग में डाली गई है जैसे आज आप जो भी कर रहे हैं कभी आपने उसके बचपन में कल्पना भी की थी नहीं दरअसल आप उसे जानते तक नहीं थे फिर आज अचानक कैसे तो यह जो काम आज आप कर रहे हैं आपके मां-बाप की आपके रिश्तेदारी आपका समाज इन सब लोगों ने मिलकर आपके दिमाग में  सोच डाली जब आप छोटे थे तभी आपको हिप्नोटाइज किया जा रहा तभी आपके दिमाग में सोच रहा ली जा रही थी कि बड़े हो कर कमाना है काम करना है पैसे लाने हैं क्या करना है क्या नहीं करना है तो आपकी सोच तो कभी विकसित हुई नहीं यह तो आज जो आपके दिमाग में भी है वह सब समाज या फिर पुराने लोग के समय समय के हिसाब से जिन जिन लोगों ने अपने विचार धाराओं का आगे बढ़ाया ही उनकी सोच है
आज हम धर्म के आधार पर  बटे हुए  पर सच में यह किसने बताया कि तुम्हारा धर्म क्या है कि तुम्हारी जाति क्या है आपके मां  बाप ने और समाज में और उनको किसने बताया उनके मां-बाप और उनके समाज में और यही सिलसिला पीढ़ी दर पीढ़ी चला रहा है हकीकत तो किसी को कुछ पता ही नहीं है ना  ! छोटा बच्चा जब पैदा होता है तब उसे कुछ पता नहीं होता है एक तरह से एक ब्लैंक नोटबुक जैसा होता है  एक बिना छपे हुए कागज के जैसे और आपको जो लिख देते हैं उसके हिसाब से उसकी तकदीर जाकर में उसकी जाति सब कुछ निर्धारित होती है उस पर लिखे गए अच्छे शब्दों से धर्म ग्रंथ पुस्तक लिखे गए बुरे शब्दों से बुरी चीजें या कुछ भी बना देते हैं

हम लोग ऐसे हैं कि हमने जानवरों तक को  हिप्नोटाइज कर लिया  जानवरों के हमने पालतू बना लिया उनको हमने हिप्नोटाइज कर लिया वह जंगल में रहते थे उन्होंने घर के लायक बना लिया
 सर हम यह नहीं जानते हम कर किसके कहने पर रहे हैं हम बस भीड़ की तरह भीड़ में चलते रहते हैं कोई फर्क नहीं पड़ता है क्यों है क्यों जानने की आदत नहीं है हमें बस फॉलो करते रहो चाहे राजनीति हो चाहे  न्यूज़ मीडिया जो हमें देखा है बस उस पर विश्वास करते रहो जानने की कोशिश मत करना कि ऐसा क्यों है

हम लोग ऐसे हैं कि हमने जानवरों तक को  हिप्नोटाइज कर लिया  जानवरों के हमने पालतू बना लिया उनको हमने हिप्नोटाइज कर लिया वह जंगल में रहते थे उन्होंने घर के लायक बना लिया
 सर हम यह नहीं जानते हम कर किसके कहने पर रहे हैं हम बस भीड़ की तरह भीड़ में चलते रहते हैं कोई फर्क नहीं पड़ता है क्यों है क्यों जानने की आदत नहीं है हमें बस फॉलो करते रहो चाहे राजनीति हो चाहे  न्यूज़ मीडिया जो हमें देखा है बस उस पर विश्वास करते रहो जानने की कोशिश मत करना कि ऐसा क्यों है यह

 भगवान किसी एक की कल्पना थी चित्र आज हम देखते हैं यह भी किसी की कल्पना  थी पर आज हकीकत  जैसा है

on Tuesday 29 October 2019 | | A comment?

What is Human ???

प्रकृति ने हमें बनाया सबको बनाया हमारी मां की तरह बिल्कुल  हमारा ध्यान रखती है सपने बहुत सारे बेटों को जन्म दिया जैसे कि इंसान जीव जंतु वृक्ष नदियां पहाड़ सब कुछ अब उसके बेटे ही हैं

 उसने अपने बड़े बेटे यानी इंसान को समझदार बनाया उसे शक्ति दी शक्ति मतलब सोचने समझने की बुद्धिमानी की  ताकि वह बड़े बेटे की तरह सबका ध्यान रखें सब को संतुलित रखें सारे छोटे भाइयों का ध्यान रखें पर

 बड़ा बेटा नालायक निकला और उसने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया मैं बाकी सारे बेटों को अपने इस्तेमाल के लिए अपने हिसाब से बदल दिया किसके जिम्मेदारी थी बाकी सब को अच्छी तरह रखें उसने क्या किया पेड़ों को काट दिया  जीवो पर अत्याचार किए आज भी कर रहा है 

 मां सब देख रही थी जैसे उसका बड़ा बेटा उसका अपना ना  हो

 पर फिर भी इंसान नहीं रुका उसने मां के शरीर के टुकड़े कर लिए  और उन टुकड़ों  का नाम देश रखा गया करीब करीब 252 टुकड़े किए गए उससे भी ज्यादा तब भी उसका मन नहीं भरा फिर उन टुकड़ों के अंदर उसने खुद अपने ही इंसानों को धर्म के हिसाब से बांटा जाति में बांटा

 अभी रोका नहीं था पैसा अपने चलन के लिए बनाई था चीजों के लेनदेन के लिए साधन विकसित किया था मुद्रा उसने उसके हिसाब से भी खुद को बांट दिया अमीर और गरीब और हम कहते हैं कि आज हमने विकास कर लिया हम कितने   विकसित हो चुके हैं मैं तो यही बात सोच कर  डरता हूं अब तक का विकास ऐसा रहा  तो आगे क्या होगा

on Saturday 26 October 2019 | | 3 comments

how convert failure to success??

सफलता असफलता एक बात से निर्धारित होती है कि आपने कितनी बार प्रयास किया अगर आपको सफलता चाहिए तो आपको एक छोटी सी  माननी होगी

  वह कई बार प्रयास करते हैं कुछ लोग पांच बार कुछ लोग छह बार कुछ लोग 7 बार या कुछ लोगों से भी ज्यादा बार प्रयास करते हैं पर वे सफल नहीं हो पाते मैं तो यह कहता हूं कि एक बात निश्चित है हजार  रास्तों में से एक रास्ता सफलता का होता है अब जब यह मानते हैं कि हजार में से एक प्रयास सफल प्रयास होगा तो बस आपको इतना करना है कि 999 प्रयास को जल्दी से खत्म करना है बिना हताश हुए

 एक उदाहरण से समझते कुछ इस प्रकार ताश के  52 पत्तों में से आपको एक हुकुम का इक्का चुनना हो बिना देखे तो आप एक पत्ता उठाएंगे और आपको नाकाम ही हासिल होगी हो सकता है बहुत कम चांस है कि आपको कामयाबी मिल जाए पर जब बात जिंदगी की आती है तो आप सारे 52 पत्ते उठाइए ना किसने मना किया आपको 52 में से एक पत्ता तो हुकुम का इक्का है जिसे आप को ढूंढना है उठाइए सारे पत्ते

कई बार लोग दुखी हो जाते हैं जब लगातार जल्दी-जल्दी नाकामयाब होते हैं पर उन्हें तब खुश होना चाहिए  क्योंकि तब  वह नाकामयाब नहीं बल्कि इतनी तेजी से कामयाबी की ओर बढ़ते हैं  उनके साथ एक अच्छी बात होती है  के जो ना कामयाबी के रास्ते हैं वह जल्दी-जल्दी क्लोज होते चले जाते हैं

on Friday 25 October 2019 | | A comment?

Employment or ram temple ! Real Point ?

रोजगार बहुत ही चिंता का विषय पर लोगों को लगता है सामान्य विषय कोई इस पर इतना ज्यादा खास ध्यान नहीं देता उम्मीद करता हूं लोग से राम मंदिर या  हिंदू मुस्लिम वाले मुद्दे से ज्यादा ध्यान दे तो अच्छी बात होगी

 पिछले कुछ समय पहले रेलवे में 90 हजार भर्तियां निकली जिसमें करीब 3 करोड लोग आवेदक थे चयन तो केवल 90000 का ही हुआ बाकी लोगों को कुछ नहीं तो कुछ लोगों का मानना यह है इन लोगों का चयन हो गया जो उसके लायक थे बाकी बचे उसके लायक नहीं थे की कहने का मतलब शिक्षित नहीं थे

कुछ आंकड़ों से समझते हैं 3 करोड़ का 90000 यानी कि 0.3  प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला बाकी बचे 99.67%  लोगों को रोजगार नहीं मिला लोगों के हिसाब से  बाकी बचे लोग जिनको रोजगार नहीं मिला  कम समझदार या कम पढ़े लिखे लोग थे तो फिर इनके नाकामयाब होने के पीछे जिम्मेदार कौन था स्कूल कॉलेज  जहां से इन्होंने शिक्षा ली अब वो स्कूल और कॉलेज हर साल अपना रिजल्ट 97% , 99% 95%  दिखाते हैं  पर सरकारी रिजल्ट के हिसाब से तो 99.67%  लोग तो कम शिक्षित या कम पढ़े लिखे लोग थे फिर गोलमाल कैसा है कुछ समझ नहीं आ रहा स्कूल वाले कहते हैं कि हमारे 90%  बच्चे शिक्षित है फिर वो ही बच्चे जब गवर्नमेंट की किसी एग्जाम में रिजल्ट लाते हैं गवर्नमेंट कहती है कि 99.67%  बच्चा अशिक्षित है

on Wednesday 23 October 2019 | | A comment?

खुशी क्या है ? कैसे मिलती है खुशी? आपकी क्या राय है ?

"खुश है यह दिल  ना जाने क्यों चेहरे पर मुस्कुराहट है
 पास तो कुछ भी नहीं लेकिन पास होने की आहट है"



आज की दुनिया में बहुत सारे लोग हैं सारे लोगों की सोच अलग होती है  हर किसी के लिए अलग-अलग मतलब होता है सच में खुशी क्या हो सकती है हम लोगों ने  नकली दुनिया बना रखी है जहां सब कुछ नकली है और ऐसे ही हमने एक नकली खुशी बना रखी है  


 नकली होने की बुराई यही है कि वह ज्यादा दिन टिक  नहीं  पाती है  और यही बजह है आज हर कोई बहुत छोटे से समय के लिए खुश होता और फिर दुखी क्योंकि हम इस आर्टिफिशियल दुनिया में रहते हैं जहां सबकुछ सिर्फ इसलिए बना है  दिखावट के लिए

 पर वास्तविकता में खुशी हमारे बचपन में हम देश दुनिया से दूर होते हैं

 एक पौधा लगाओ  उस पौधे पर जब पहला फूल आता है उसको देख कर जो खुशी मिलती है

 या फिर जब हम किसी ऐसी की मदद करते हैं उसको उसकी जरूरत और तव वो हो मुस्कुरा कर देखता है


दुनिया को उसके वास्तविक रूप में देखो उसकी हरी वादियां नदियां पहाड़  वही असली में वास्तविक खुशी है

on Tuesday 22 October 2019 | | A comment?

महान कौन है राम या रावण ? नायक या खलनायक ?

राम का चरित्र महान  है सीखने के लिए बहुत कुछ है  पर क्या रावण सीखने के लिए कुछ नहीं है   या फिर राम  से ज्यादा महान  रावण है

 किसी भी मूवी में लीड रोल हीरो का करने के लिए कोई भी तैयार होता है  नेगेटिव रोल करने के लिए कोई जल्दी तैयार नहीं होता ऐसी कोई भी बड़ा सुपरस्टार शाहरुख खान सलमान खान लीड रोल बतौर हीरो करते हैं नेगेटिव रोल के लिए नहीं  मूवी में दोनों  की आवश्यकता होती है अपनी छवि बिगाड़ कर  नकारात्मक किरदार को चुनता है  क्या वह महान नहीं हुआ

 ठीक है ऐसे ही रामायण में राम का चरित्र अच्छा है रावण अपना चरित्र चुनाव किया नकारात्मक किरदार के लिए ताकि हम कुछ सीख सकें  रामायण का मतलब यही है आपको कुछ सिखाया जा सके रावण तो सब कुछ खोया  सब जानता था  यह सब किस का अंत कैसे होगा   और यहां तक की उसे अपनी छवि भी  खोनी पड़ी

क्या ऐसे इंसान का महान पुरुष नहीं कहेंगे तो सब कुछ जान कर फिर भी दूसरों को सीख देने के लिए सब कुछ   त्याग कर दे और यह सब उसने किया क्यो हम सबके लिए 

  तो महानता महान बने रहने  मैं नहीं दूसरों को बनाने में

on Monday 21 October 2019 | | 2 comments

कौन है एलियन ? कहां से आते हैं यह ?? कहां रहते हैं ??? कैसे दिखते हैं यह ????

एलियन एक ऐसा शब्द जिसे देख कर  यह सुनकर   अजीब से चित्र अक्सर मूवी में दिखाए जाते हैं वही याद आते हैं असल में यह कैसे होते हैं कहां रहते हैं कहां से आते हैं यह

 एलियन की कोई सही तस्वीर अभी तक नहीं मिली पर मैं कुछ समझा सकता हूं किस तरह के होते हैं

 सोचो कि हमने अपने ग्रह पृथ्वी को पूरी तरह से इस्तेमाल कर लिया धरती पर कुछ भी नहीं है सा बचा जिसके सहारे हम जी सकें और हमें इस धरती को छोड़ना है  हमारे कुछ वैज्ञानिकों को पृथ्वी जैसा ग्रह मिल गया जहां हम जा सकते हैं और अलग-अलग देशों के लोग   अपना एक-एक  समूह ग्रह पर भेजते हैं  उस ग्रह पर भी हमारे महाद्वीप जैसे कुछ महाद्वीप है  तुम्हारे भेजे हुए समूह अलग-अलग महाद्वीपों पर उतरते हैं  हर एक समूह में 10 से 12 लोग की संख्या है इस दौरान पृथ्वी और उसके सारे लोग नष्ट हो जाता है

  जो लोग दूसरे ग्रह पर पहुंचे हैं बस वही बचे ऐसे ग्रह पर जहां कुछ भी नहीं है अब उन्हें फिर से शून्य से शुरुआत करनी है और वह करते हैं कई लाख साल बाद बदलाव करते करते  जिस स्थिति में हम हैं  वहीं आ जाते हैं अब इस स्थिति में सारे लोग जिनकी संख्या कई करोड़ों में हो गई है उनके लिए  वो 12 लोगों का समूह  भगवान बन चुका या कुछ लोगों ने एलियन मानते हैं क्योंकि समय बहुत ज्यादा बीत चुका है असली हकीकत नहीं जानते सारे समूह अलग-अलग महाद्वीपों  उतरे थे उनके ऊपर ही अलग-अलग धर्म बन गए उनमें से कुछ लोग चीनी कहलाते हैं कुछ भारतीय कुछ अमेरिकन कुछ अफ्रीकन कुछ रशियन

on Friday 18 October 2019 | | A comment?

पतंग या एयरप्लेन कैसे उड़ता है ? क्या सामान्य इंसान इस विज्ञान को समझ सकता है ??


सामान्य व्यक्ति  ईस विज्ञान को समझ सकता है मेरा कहना है  हां

 पतंग और एक प्लेन एक ही तरह से कार्य करते हैं थोड़ा बहुत फर्क होता है उनके कार्य करने के सिद्धांत एक पतंग इस तरह बनाई जाती है कि उसका नीचे वाला हिस्सा भारी ऊपर नोक वाला हिस्सा हल्का की पतंग हमेशा ऊपर  रहे  जब हम उसे  धागे से बांधते हैं तो ऊपरी वाले हिस्से का धागा थोड़ा छोटा रखते हैं नीचे वाले की तुलना में हम धागा अपनी ओर खींचते हैं  तब पतंग की ऊपरी    नोक   पर ज्यादा बल लगता है  अपनी ओर बढ़ती हुई ऊपर की ओर बढ़ती है और इसी तरह पतंग उड़ती है 

 और किसी तरह हवाई जहाज भी उड़ता है बस फर्क इतना होता है उसमें धागे की जगह बड़ी बड़ी टरबाइन लगी होती है जो आगे  की हवा  पीछे की ओर     फेंक देती है अरे हवाई जहाज आगे बढ़ जाता है बस इतना ही आसान है

How to rank website? How to get more page View??

वेबसाइट को कैसे  रैंक कराएं  क्या कोई शॉर्टकट तरीका सच में है या नहीं वैसे शॉर्टकट तरीका तो बहुत सारे हैं मैं थोड़ा सा खर्चा करके एडवरटाइजिंग करके भी रैंक कराया जा सकता है सच में फायदेमंद होगा मुझे लगता है नहीं

 क्योंकि उसी तरह काम करता है जिस तरह हम अपने अच्छे वस्त्र पहन कर खुद को अच्छा दिखा तो सकते हैं और बना नहीं सकते लोग हमें एक बार देख कर पसंद तो करेंगे पर हमारे पास आते ही असल में क्या है जान जाएंगे अब दोबारा कभी नहीं आएंगे  आप ऐसे लोगों चाहते हैं जो आपको सिर्फ एक बार देख कर गायब हो जाए सच में आप के साथ जुड़े रहें मुझे लगता है आपको सच्चे लोग पसंद है

आप जो कंटेंट लिखें उसको अच्छा लिखें जो सबको पसंद आए आप किसी एक व्यक्ति विशेष ध्यान में रखकर लिखें मेरे पास तो बहुत बड़ा एक्सपीरियंस तो नहीं है और अगर मेरी बात आपको पसंद है  तो ठीक और नहीं है तो भी  ठीक

दुनिया में सबसे ज्यादा खुश कौन है ? कौन है वह व्यक्ति जिसे कोई समस्या नहीं ह ै??



क्या यह संभव है कि दुनिया में कोई ऐसे लोग भी हैं जो परेशान नहीं होते जो  सुखी रहते हैं किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती

 दरअसल मैं कहूं तो हां और इन लोगों की गिनती बहुत कम है बहुत ही चुनिंदा लोग होते हैं यह मैं ऋषि-मुनियों की बात नहीं कर रहा हिंदी में कुछ अपनी समस्याएं होती हैं कुछ ना कुछ तो परेशानी उनके पास ही होती हैं पर जिनकी बात मैं कर रहा हूं उनके पास किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती

 और बो लोग कहलाते हैं पागल और उनका पता होता है पागल खाना आप सोच रहे होंगे कैसे बहुत साधारण सी बात है उनके पास समस्या की जड़ नहीं होती जड़ से मतलब है दिमाग दिमागी असली समस्या की जड़ है सर मैं यह नहीं कहता कि आप पागल हो जाइए बस यह कहना चाह रहा हूं कि आप इसे काबू कर सकते हैं

 कितनी अजीब बात है चिंता कितनी बेवफा होती है दिमाग से उत्पन्न होती है दिमाग में ही  बढ़ती है रहती भी नहीं है और अंत में दिमाग को ही नष्ट कर देती है फिर भी हम इसे अपने सर पर चढ़ा कर रखते हैं

गुप्तांग गुप्त क्यों होते हैं ?? क्या है इसके पीछे की असली वजह ??

गुप्तांग  गुप्त क्यों होते हैं ??  क्या है इसके पीछे की असली वजह ?? 


गुप्तांग टॉपिक जिस पर कोई बात नहीं करना चाहता   उनको बहुत रहस्यमई तरीके से पेश किया जाता है जबकि यह तो बाकी अंगों की तरह ही अंग होते हैं शरीर के तो फिर ने क्यों अलग महत्व दिया जाता है  आप से नहीं है बहुत समय पहले से ही है शायद इसके पीछे कुछ खास बजाएं

 अब से 200000 से 300000 साल पहले जब स्टोन एज करम हुआ ही था तब हमारे दुनिया में कुछ  नई चीजों का विकास हो रहा था जैसे की आग और साथ ही इंसान के शरीर पर कुछ विकास हो रहे थे जैसे कि पहले चार पैरों से चलता था इंसान पर अब दो पैरों पर धीरे-धीरे चलने लगा था उसके शरीर में भी बदलाव हो रहा था और साथ ही उसके शरीर से बालों की की भी कमी और यदि सारे बाल उसके धीरे धीरे कम हो रहे थे शरीर से शायरी उन्हीं दिनों की बात होगी जब इंसान अपने अपशिष्ट को त्याग कर अपने खुदा से को हाथ से साफ करना नहीं जानता था कि किस के नाखून बहुत बड़े और नुकीले हुआ करते थे तब शायद उन्हें  मक्खियां उड़ने वाले जीव कुछ कीड़े मकोड़े परेशान करते होंगे तो शायद उन्होंने अपनी गुदा को ढकने के लिए पत्तों का इस्तेमाल लिया और उसके बाद में उसने उसकी जगह जीव जंतुओं की खाल का इस्तेमाल किया

 और यही वजह थी कि  गुप्त अंग बाकी सारे अंगों से अलग प्रदर्शित हुए और उनको लेकर एक अलग ही सोच बन गई है सारी दुनिया में सामान्य  पर वर्तमान तक आते-आते  इसे सम्मान इज्जत से जोड़ दिया गया इस लिए एक अलग ही तरीका बन गया  वजह से हटकर वास्तविकता से परे

on Thursday 17 October 2019 | | 1 comment

Bajaj Chetak electric scooter

  • The Bajaj Chetak electric scooter will be under the Urbanite vertical 
  • Bajaj Chetak will be launched in Pune first by January 2020
  • New Chetak has a claimed range of 100 km on a single charge


  • While prices have not been announced yet, the new electric scooter is expected to be priced under Rs. 1.5 lakh (ex-showroom). The new Bajaj Chetak electric scooter will come under the company's Pro-Biking network, which includes the KTM brand, and distribution will be broadened depending on the response to the ecosystem. 500 KTM dealers across India will cater to the new upcoming Bajaj Chetak electric scooter.

on Wednesday 16 October 2019 | | A comment?

क्या है समय?? कैसे काम करता है??

समय क्या है और कैसे काम करता है  समय एक तरह से गति ही है और यह उन चीजों पर काम करता है जो गतिशील होती है जिनमें किसी भी  प्रकार की गति होती है फिर चाहे गति किसी भी तरह की हो और जो चीज गतिशील नहीं होती उस पर समय कार्यरत नहीं होता है समय का प्रभाव उस पर शून्य होता है पर हम अपनी आंखों से अपने आसपास की जितनी भी चीजों को देखते हैं वह किसी न किसी प्रकार से गतिशील होती हैं  धरती पर उपलब्ध सभी प्रकार की वस्तुएं इंसान  पानी वृक्ष जीव जंतु सभी चीजें सजीव या निर्जीव सब पर समय लागू होता है फिर  चाहे   बे गति करें या नहीं पर उन पर समय प्रभावशाली होता है क्योंकि धरती सूर्य के चक्कर लगाती है धरती गतिशील है इसलिए धरती पर उपलब्ध सभी चीजों पर समय प्रभावित रहता है. 


अब अगर हम यह सोचे कि समय यात्रा संभव है या समय में पीछे जाया जा सकता है तो कुछ इस प्रकार से समझे की धरती आगे बढ़ते हुए सूर्य के चक्कर लगाती है और अगर हम इसकी गति की दिशा को विपरीत कर दे तो क्या सच में समय है पीछे जाया जा सकता है पर नहीं ऐसा नहीं होगा   क्योंकि समय के लिए दिशा का कोई फर्क नहीं होता है अब अगर भविष्य में जाने के बारे में सोचें तो हम  धरती की रफ्तार को बढ़ा दे तो क्या हम सच में भविष्य में जा सकते हैं यह भी संभव नहीं है   

क्योंकि फिर हमें रफ्तार का अनुमान नहीं ला सकते क्योंकि पृथ्वी पर उपलब्ध हर चीज उसी रफ्तार से तेज होगी जिस रफ्तार से आप तो आप समय  के तेज होने    या कम होने का अनुमान नहीं लगा सकते

God is real ???

भगवान क्या है कल्पना या सच  हकीकत तो मैं भी नहीं जानता  पर  मेरा मानना है कि भगवान नहीं है पर पर उनको मानना बहुत ज्यादा जरूरी है  क्योंकि इंसान के ऊपर किसी ने किसी का होना जरूरी है वरना इंसान खुद को भगवान मान लेगा इसलिए बहुत समय पहले  कुछ समझदार और चुनिंदा लोगों ने भगवान की कल्पना रची और कल्पना को हकीकत में बदलने के लिए बहुत सी कहानियां  रची  और उन्हें वास्तविकता जैसा दिखाने के लिए बहुत से तत्वों के साथ जोड़ा गया बहुत सी जगहों के साथ जोड़ा गया कुछ कहानी में डर का जिक्र किया गया ताकि बहुत अच्छे और बुरे में फर्क कर सके और कुछ तो भगवान ना समझे या सर्वे सर्वा ना समझे भगवान की कल्पना का निर्माण होने में बहुत समय लगा बहुत से लोगों ने इसे रचा


और यह अच्छा है और जरूरी भी सबके लिए तो इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि है या नहीं है पर किस बात से पड़ता है कि हम मानते हैं या नहीं शायद यही कारण है कि इस दुनिया में आज बहुत सारे भगवान  अलग-अलग जगह अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग भगवान है क्योंकि यह कल्पना से  बने हैं और इनका निर्माण कल्पना द्वारा हुआ है  लोगों की कल्पनाएं अलग अलग होती है इसलिए लोगों ने अपनी अलग अलग कल्पना के हिसाब से अलग अलग भगवान का निर्माण किया  और  जिन अवशेषों से उनके होने का प्रमाण मानते हैं दरअसल उन अवशेषों से ही उनकी रचना की गई थी इसलिए आज हम उन्हें सत्य मानते हैं


और इन सब बातों के लिए प्रमाण सबसे बड़ा यही है कि किसी धर्म में किसी भगवान के लिए मूर्ति पूजा अच्छी है और किसी के लिए अमान्य है किसी के लिए कोई  रंग शुभ है और किसी के लिए कोई रंग अशुभ है हर धर्म के हिसाब से नियम अलग हैं क्योंकि धर्म लोगों ने  अपनी सोच से बनाया है और हर किसी की सोच अलग होती है  और यही कारण है धर्म में आज समानता है अगर धर्म भगवान के द्वारा बनाए जाते सारे धर्म एक होते हैं एक जैसे नियम होते हैं एक जैसे तरीके होते

on Tuesday 15 October 2019 | | 3 comments

Why Human have thinking Power

This nature has created many things, one of which is human and it has been made different from everything else because there is a lot of special reason behind it. To make a person special, he has many responsibilities to fulfill his responsibilities.  It has been made different from everything else and that is the reason why a human being is an intellectual and can think and understand, apart from human being, no one has been made so intelligent or intellectual.  It is because a person has to fulfill many responsibilities, so he has been made an intellectual, but today we are not fulfilling our responsibilities.
  Man got the power to think and understand because this world needed a manager and so the chosen human being and made him different from everyone else was made a superpower intellectual capable of thinking and understanding so that he could balance all things  But today this is not happening at all, today, humans have made everything according to their own ways, the meaning of things is good, things are bad, all center themselves  By keeping in mind, we have made definitions of all that is good for a human being, what is good for him and what is wrong has made him a definition of wrong, while it should not be so at all, so that we can preserve the nature but today we can do it absolutely  We are not doing it and we are harming it day by day. We were created so that the caste of every living entity was established to keep the number of every living being fixed.  And to maintain today is just the opposite, we have lost some species
  A



Also read about machines

on Monday 14 October 2019 | | A comment?

Mean's of thing

What is wrong in the world, no matter what is right, everything has its own different meaning for everyone. You have to find out the meaning of things for yourself. What is important for you is to determine you, in this, no one can help you, he can comment, he can give advice, but you have to take disicion.



on Sunday 13 October 2019 | | 3 comments

People reaction

Mai derta hu khud ko show krny se m sochta hu ki logo ka reaction kya hoga unhy psnd ayega ya ni kch kru but ye schona pdta hai logo ko ye kesa lgega achha ya bura syd isly m bo ni kr pata jo such mujhe krna chaye ya jo mai krna chata hu.
Hum apni psnd isly chhod dete hai ki logo ka reaction kya hoga. Or logo ka reaction Decid krta hai ki apny achha kiya ya bura
Hum ese logo ke reaction ki parvah kyu krty h jo log aap ki chhoti c khusi ya kch achha hony pr Party mangty hai ur jb kch galt hota h to phone switch kr lete hai
Mujhe ese logo se frak padta hai but ye ni janta hu kyu pdta hai  syd ye humen Psychology

on Friday 11 October 2019 | | 3 comments

Truth of Life

Mai her din kch na esa Sochta hu jo mujhe bht preshan krta h but mai khud ko helpless ur kch nhi ho skta soch kr chhod deta hu kyuki syad mai khi apny under khud ko bht weak man chuka hu but m ye kbhi accept ni krta hu kyuki m ek trap sa bna rhny dena chata hu jo mujhe such haqikkt se door rkhy kyuki m baki sb logo ki trh hi such se bhagta hu.  Bus is bat ka wait krta hu ki sb khud thk ho jyega but ye m janta hu ki bina kch kry kch ni hoga.

Kitni ajeeb o grib stituion hai ki hum sb janty but accept krna ni chaty h syd humry under itni himmt ni h isly but ek bat ye 100% clear hai "acceptenss is best solution of first add treatment".

on Thursday 10 October 2019 | | 4 comments